शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उड़ीसा उच्च न्यायालय के उस आदेश को ख़ारिज करते हुए की जिसमें धोखाधड़ी के मामले में ज़मानत की मांग करने वाले एक व्यक्ति के आवेदन को अनुमति देते हुए 20 लाख रुपये की नकद ज़मानत राशि और 20 लाख रुपये की अचल संपत्ति की शर्त लगाई गई थी.