ऐसे समय में जब कांग्रेस रास्ता खोज रही है, उसे अपने संगठन की ओर देखना चाहिए और उस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करना चाहिए, जिसे 1969 के बाद लगातार ख़त्म किया जाता रहा है.
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे में सीबीआई से क्लीनचिट पा चुके कांग्रेस नेता जगदीश टाईटलर ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वह लाई डिटेक्शन टेस्ट से गुज़रने को तैयार नहीं हैं क्योंकि यह क्रूरता जैसा है.