विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सरकार के इस क़दम का स्वागत किया गया है, जबकि भाजपा-राजग ने भगवान अयप्पा के भक्तों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री पिनारई विजयन से माफ़ी की मांग की है और कहा कि सबरीमला प्रदर्शन और सीएए विरोधी प्रदर्शन के मामलों को समान रूप से देखा जाना स्वीकार्य नहीं है.
वीडियो: पुदुचेरी के राजनीतिक समीकरण अचानक पूरी तरह से बदल गए हैं. कांग्रेस की सरकार गिर चुकी है और वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. इस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद.
बीते 21 फरवरी को विधायकों के लगातार इस्तीफ़ा देने के चलते 33 सदस्यीय पुदुचेरी विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक थे. इसके बाद विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने इस्तीफ़ा दे दिया था और केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी.
किसान आंदोलन से हुए राजनीतिक नुकसान को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों में बैठकें की जा रही हैं. गुड़गांव में हुई ऐसी बैठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से एक कार्यकर्ता प्रदर्शनकारी किसानों को 'बहकाने का मंत्र' देने की बात कहते नज़र आ रहा है.
बीते 17 फरवरी को उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव में दलित समुदाय की तीन लड़कियां बेसुध अवस्था में मिली थीं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक का इलाज चल रहा है. इससे पहले ट्विटर पर भ्रामक और अफ़वाह फैलाने वाली पोस्ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की थी.
कांग्रेस के विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और डीएमके के विधायक वेंकटेशन के रविवार को इस्तीफ़ा देने के बाद 33 सदस्यीय पुदुचेरी विधानसभा में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी. इससे पहले कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था.
मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले का मामला. ज़िले के भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सामूहिक बलात्कार मामले में विजय त्रिपाठी का नाम आने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से जैतपुर मंडल अध्यक्ष पद से निष्कासित करने के साथ पार्टी से उसकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई है.
मामला सोनीपत का है, जहां बुधवार को केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे एक बुज़ुर्ग किसान की हृदयाघात से मौत होने के बाद उनका शव सरकारी अस्पताल के शवगृह में रखा गया था. अगले दिन मृतक के परिजनों ने शव पर ज़ख्मों के निशान देखे, जिसके बाद यह मामला सामने आया.
वीडियो: पुदुचेरी में राजनीतिक रस्साकशी जारी है एक ओर जहां कांग्रेस सरकार के विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उपराज्यपाल के पद से किरण बेदी को हटा दिया गया है. किरण बेदी के स्थान पर नई नियुक्ति होने तक तेलंगाना की राज्यपाल तामिलिसाई सौंदर्यराजन को फिलहाल पुदुचेरी के उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है.
केंद्र के तीन कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में प्रदेश में हुए नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस ने सात नगर निगमों में से छह में जीत हासिल की है और सातवें में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस ने 2022 के लिए कैप्टन अभियान की घोषणा की है.
बीते शनिवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पार्टी के नेताओं से कहा था कि भाजपा अन्य क्षेत्रीय देशों में ‘आत्मनिर्भर दक्षिण एशिया’ पहल के तहत शासन स्थापित करेगी और अब श्रीलंका और नेपाल में भी विस्तार करना है.
पुदुचेरी में पिछले एक महीने में चौथे कांग्रेस विधायक ने इस्तीफ़ा दे दिया जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया. इस बीच उपराज्यपाल किरण बेदी को उनके पद से हटा दिया गया, जिसकी मांग सत्ताधारी पार्टी लंबे समय से कर रही थी.
असम इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2016 में दोबारा निर्वाचित विधायकों की संपत्ति में औसत वृद्धि 1.48 करोड़ है यानी उनकी संपत्ति में 95 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. पर्यटन मंत्री चंदन ब्रह्मा उन पांच विधायकों में शीर्ष पर हैं, जिनकी संपत्ति दोबारा निर्वाचित होने के बाद उल्लेखनीय तरीके से बढ़ी है.
सरकार का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया. नौ माह तक चले गतिरोध के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों को हटाने की सहमति बनी है.
काश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें बनाने के बजाय समझते कि आंदोलन तो होते ही सत्ताओं की निरंकुशता पर लगाम लगाने के लिए हैं और उन्हें ख़त्म करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि ख़ुद पर उनका अंकुश हमेशा महसूस किया जाता रहे.