भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव अधिकारी मतदान के दौरान मतदाताओं से समाजवादी पार्टी के लिए कह रहे थे.
सात चरणों में से सबसे बड़े इस चरण में 14 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 116 सीटों में मतदान हो रहा है.
अरुण जेटली द्वारा यौन उत्पीड़न मामले में सीजेआई रंजन गोगोई का बचाव करने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.
चुनावी बातें: चुनाव में होने वाली हिंसा की नींव आज़ादी से पहले ही पड़ चुकी थी. झारखंड (तत्कालीन बिहार) में मार्च 1946 में हिंसक तत्वों ने संविधान सभा के प्रतिनिधि के चुनाव को भी स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं रहने दिया था.
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने छह पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. उत्तर पूर्वी सीट पर शीला दीक्षित का मुकाबला भाजपा के मनोज तिवारी से होगा. दक्षिण दिल्ली सीट से किसी नाम का ऐलान नहीं.
भाजपा की मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की रणनीति के परिणाम भयावह होंगे.
मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल से टिकट देने का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में पांच हज़ार साल तक जिस महान संस्कृति और परंपरा ने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया, ऐसी संस्कृति को आपने बिना सबूत आतंकवादी कह दिया.
विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की शिकायत की थी. इस कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद पार्टी ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया था, जिससे प्रियंका नाराज़ थीं.
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं. कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर तो भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन दोनों के दावे हक़ीक़त से कोसों दूर हैं.
भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस विज्ञापन में ‘चौकीदार’ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और यहां ‘चौकीदार’ से आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है.
केंद्र और राज्यों में सूचना आयोग स्वतंत्र होने चाहिए. रीढ़विहीन बाबुओं को यह अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि वे आयोग को भी रीढ़विहीन बना दें. लोकसभा चुनाव में उतर रहे राजनीतिक दलों को केंद्रीय सूचना आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए.
झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों के लिए महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और राजद ने किसी भी अल्पसंख्यक चेहरे को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.
‘मैं भी चौकीदार’ और ‘चौकीदार ही चोर है’ के शोर में अनेक दूसरे मुद्दे हाशिये पर चले गए हैं.
भाजपा और कांग्रेस दोनों के घोषणा-पत्र में कश्मीर को लेकर वादे किए गए हैं. जहां भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, वहीं कांग्रेस ने कश्मीर समस्या के समाधान की बात की. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश कश्मीर को लेकर किए इन वादों पर फिल्मकार संजय काक और वरिष्ठ पत्रकार सैयद नज़ाकत हसन से चर्चा कर रहे हैं.