संविधान संबंधी हेगड़े के बयान पर दोनों सदनों में हंगामा

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान बदलने को लेकर दिए गए बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफ़ी पर अड़ा विपक्ष. मोदी सरकार ने संविधान में जताई श्रद्धा.

कुछ भाजपा नेताओं को लगता है कि सेकुलर होना हिंदू विरोधी होना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर कहा है कि हम इसी संविधान और संवैधानिक व्यवस्था में विकास करेंगे. ऐसे में उनका कोई मंत्री इससे अलग बात करता है तो उसे मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए.

जन गण मन की बात, एपिसोड 169:  गुजरात में शपथ और केंद्रीय मंत्री हेगड़े का बयान 

जन गण मन की बात की 169वीं कड़ी में विनोद दुआ, गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शपथ ग्रहण और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के हालिया बयान पर चर्चा कर रहे हैं.

जो धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं, उनके माता-पिता और ख़ून की कोई पहचान नहीं: केंद्रीय मंत्री

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्रीय रोज़गार और कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान का अपमान किया है.

जो लोग भारत से प्यार नहीं करते हैं, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए: संघ नेता

संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने नेहरू के नेतृत्व में आज़ादी नहीं विभाजन दिया. कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई इससे बड़ा कोई असत्य नहीं है.

चुनाव सुधारों की मांग को जनांदोलन बनाने का समय आ गया है: मेधा पाटकर

मेधा ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है ,वे ही संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में जनांदोलनों से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.

भारत में आज़ादी, शोषित वर्ग अधिकार और सुरक्षा ख़तरे में हैं: तीस्ता सीतलवाड़

सिटीज़न फॉर जस्टिस एंड पीस की संस्थापक तीस्ता सीतलवाड़ का कहना है कि उनका संगठन आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के साथ कानूनी संसाधन प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करेगा.

यह कहना अलोकतांत्रिक होगा कि दिल्ली विधानसभा को केंद्र के समान अधिकार मिले: केंद्र

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'दिल्ली सबकी है, न कि सिर्फ़ उनकी जो यहां रहते हैं. एलजी के लिए दिल्ली सरकार की सलाह और परामर्श बाध्यकारी नहीं है.

किसी राज्य के राज्यपाल से अधिक अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के पास हैं: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र के दायरे में आती है और दिल्ली विधानसभा इन विषयों के बारे में कानून नहीं बना सकती है.

भारतीय न्यायपालिका के इतिहास का एक दुखद क्षण

पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण बता रहे हैं कि 10 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में जो हुआ, वह सर्वोच्च न्यायालय और भारत की न्यायपालिका के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

न्यायाधीश रिश्वत मामला: दो जजों की बेंच के फैसले को पांच जजों की संविधान पीठ ने पलटा

मामले में कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण कोर्ट से यह कहते हुए निकल गए कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कामकाज में उपराज्यपाल बाधा नहीं बन सकते: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद की सहायता और परामर्श शब्द शून्य में नहीं हैं, उन्हें कुछ मायने तो देना ही होगा.