जब टीपू सुल्तान ने शंकराचार्य को लिखा, ‘आप विश्व के गुरु हैं’

जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.

टीपू सुल्तान: इतिहास क्या है इस सवाल को जनभावना के नाम पर सड़कों पर तय नहीं किया जा सकता

जिस टीपू सुल्तान की पहचान बहादुर शासक के तौर पर होती रही है उसे अब एक धड़े द्वारा क्रूर, सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी बताया जा रहा है.