आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका कोविड-19 वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ बहुत अच्छा कर रहा है जबकि भारत इस बीमारी से लड़ने में ज़बरदस्त समस्या का सामना कर रहा है. साथ ही चीन में भी संक्रमण के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है.
अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन पर लगातार कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाता रहा है. यह वैश्विक महामारी पिछले साल चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी. डब्ल्यूएचओ ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो कोरोना महामारी को आम फ्लू बताकर उसकी भयावहता को कम आंकते नज़र आए हैं. बीते सोमवार को लक्षण दिखने के बाद उनका कोविड-19 का टेस्ट कराया गया था.
कोरोना वायरस महामारी से संबंधित जानकारी छिपाने के लिए चीन के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सभी संबंध तोड़ लिए थे.
आंतरिक दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठकों में चीन की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर सूचना और प्रतिस्पर्धा पर सख्त नियंत्रण को काफी हद तक दोष दिया गया था. हालांकि संगठन सार्वजनिक रूप से कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी तुरंत उपलब्ध कराने के लिए चीन की लगातार सराहना करता रहा है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया के देशों को चीन के वुहान शहर से सीखना चाहिए कि किस तरह से वायरस का केंद्रबिंदु होने के बावजूद वहां सामान्य स्थिति बहाल की गई. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को चीन की पीआर एजेंसी करार दिया था.