पेशे से बस ड्राइवर इस शख़्स को 13 जुलाई को बुखार आया था, जिसके बाद जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए. अस्पताल, हेल्पलाइन, थाने आदि कहीं से भी मदद न मिलने के बाद वे जब पैदल मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, तो वहां के स्टाफ ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया.
हैदराबाद में ज्वैलर्स एसोसिएशन के कम से कम 100 सदस्यों ने हाल ही में एक कारोबारी की जन्मदिन पार्टी में भाग लिया था. दो मौतों के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करनी शुरू कर दी है.
यह मामला हैदराबाद के गांधी अस्पताल का है. अस्पताल का कहना है कि यहां ऐसे क़रीब 35 लोग हैं, जिन्हें उनका परिवार वापस घर ले जाने से बच रहा है.
तेलंगाना की तरह कोरोना के इलाज के संबंध में कर्नाटक ने केंद्र से 1,300 वेंटिलेटर मांगे थे, लेकिन सरकार का कहना है कि उन्हें अब तक सिर्फ़ 90 वेंटिलेटर दिए गए हैं.
घटना फरीदाबाद के बीके अस्पताल की है, जहां एक विवाद में मारे गए युवक का शव अस्पताल की मोर्चरी से गायब हो गया था. परिजनों द्वारा पूछताछ के बाद सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने इसे कोरोना संक्रमित लावारिस शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. अब तक कोविड-19 की जांच कराने पर 4,500 रुपये लगते थे.
दिल्ली में बीते सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों में से लगभग 30.5 प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए. सात जून को समाप्त हुए हफ़्ते में यह दर 23 फ़ीसदी और इससे पिछले हफ़्ते में 14 फ़ीसदी थी.
केंद्र सरकार ने जिन पांच राज्यों को चेताया है, उनमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश शामिल है. अनुमान है कि यहां जून से अगस्त के बीच आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी पड़ सकती है.
जीटीबी अस्पताल कोविड-19 के लिए अधिकृत अस्पताल है, जहां भर्ती कोरोना संक्रमितों के परिजनों का कहना है कि स्टाफ बमुश्किल ही मरीज़ों के वॉर्ड में जाता है. खाने-पीने से लेकर शौचालय जाने तक में मदद के लिए मरीज़ अपने परिवार पर निर्भर है.
मामला जलगांव के सरकारी अस्पताल का है, जहां कोविड संक्रमित एक 82 वर्षीय महिला को एक जून को भर्ती कराया गया था और वे दो जून से लापता हो गई थीं. अन्य मरीज़ों के शौचालय में बदबू की शिकायत करने के बाद वहां महिला का शव पाया गया. घटना के बाद अस्पताल के डीन सहित पांच अधिकारियों को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं.
दिल्ली में तैनात 35 वर्षीय बीएसएफ जवान की नौ जून को दिल्ली के एम्स में कोविड-19 से मौत हो गई. बीएसएफ में ये तीसरी मौत है.
मामला राजधानी दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल का है. अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था.
यह अहमदाबाद सिविल अस्पताल के गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट का मामला है. अस्पताल की ओर से बाद में कहा गया कि कहा गया है कि मरीज़ जीवित नहीं है. जिस कर्मचारी ने परिजनों से संपर्क किया था वह मरीज़ की अपडेटेड स्थिति से वाक़िफ़ नहीं था.
यह घटना मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल की है, जहां आईसीयू में भर्ती एक कोरोना संक्रमित पुरुष मरीज़ ने 34 वर्षीय डॉक्टर द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है. अस्पताल ने आरोपी को बर्ख़ास्त कर दिया है.