नेपाल में कोरोनिल किट के वितरण पर रोक के बाद आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने कहा कि कोरोनिल की खरीद के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था. साथ ही यह कोरोना वायरस को ख़त्म करने वाली दवाओं के बराबर नहीं है. इससे पहले भूटान ने इस दवा के वितरण पर पाबंदी लगाई थी.
कोरोना वायरस के उपचार के दावे के साथ लॉन्च हुई पतंजलि की 'कोरोनिल' को आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाण पत्र मिलने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हैरानी जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन से सवाल किया है कि पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है.
कोरोना के इलाज के दावे के साथ लॉन्च हुई पतंजलि की 'कोरोनिल' को आयुष मंत्रालय से मिले प्रमाणपत्र को डब्लूएचओ की मंज़ूरी और रामदेव द्वारा कोरोनिल को 150 से अधिक देशों में बेचने की अनुमति मिलने का दावा संदेह के घेरे में है. साथ ही इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी सवाल उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कोरोना वायरस का इलाज का ख़र्च आम जनता की सीमा से बाहर है. अगर कोई शख़्स संक्रमण से ठीक हो भी जाता है तो इलाज की लागत उसे ख़त्म कर देती है. कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार मौलिक अधिकार है. यह राज्य का कर्तव्य है कि वह किफ़ायती इलाज के लिए प्रावधान बनाए.
चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर कहा गया है कि ‘कोरोनिल’ साल 1993 से उसका ट्रेडमार्क है. यह कंपनी भारी मशीनों और कंटेनमेंट इकाइयों को साफ़ करने के लिए रसायन एवं सैनेटाइज़र बनाती है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका दायर में कहा गया था कि निजी अस्पताल कोरोना इलाज के लिए अत्यधिक शुल्क वसूल रहे हैं, जिस पर लगाम लगाने के लिए इलाज की अधिकतम लागत तय की जानी चाहिए.
बाबा रामदेव ने बीते 23 जून को ‘कोरोनिल’ नाम की दवा लॉन्च करते हुए इसके कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा किया था. इसके बाद आयुष मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए कंपनी से इसके क्लीनिकल ट्रायल और रिसर्च आदि का ब्योरा देने को कहा था.
पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना किट को लेकर चंडीगढ़ की एक अदालत में मिलावटी दावा बेचने और धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवाया गया है. वहीं राजस्थान सरकार ने इस दवा के 'क्लीनिकल ट्रायल' को लेकर निम्स अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा है.
वीडियो: बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत- प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए दवा लॉन्च की है. हालांकि आयुष मंत्रालय ने उनके दावों की जांच-पड़ताल होने तक इस दवा का प्रचार बंद करने और बेचने से रोकने का आदेश दिया है.
पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना दवाई किट की प्रमाणिकता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कंपनी ने कोरोना के शत-प्रतिशत उपचार का दावा करने वाली इस दवा संबंधी कुछ दस्तावेज़ आयुष मंत्रालय को सौंपे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये साबित नहीं होता है कि इससे कोविड-19 ठीक हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी क्वारंटीन सेंटर की सुविधा एवं अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे अस्पतालों की पहचान करने को कहा है, जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज नि:शुल्क या बेहद कम लागत में किया जा सकता है. अदालत ने केंद्र सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.