कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उचित व्यवस्था और वेतन नहीं मुहैया कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले क़रीब 3,000 डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रधानमंत्री कार्यालय के उस जवाब को चुनौती दी गई है, जिसमें उसने कहा था कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई एक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मांग की कि प्रवासी मज़दूरों को उनके मूल निवास स्थानों पर रोज़गार और मुफ्त भोजन मुहैया कराया जाए. देशभर के गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को 10-10 हज़ार रुपये दिए जाएं.
कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को देखते हुए मुंबई के डब्बावालों ने 19 मार्च को अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं. सरकार अब मुंबई में कार्यालयों और कारोबार को खोलने की अनुमति दे रही है, लेकिन डब्बावाले अपनी सेवा के साथ कब लौटेंगे, इसको लेकर अनिश्चितता है.
तेलंगाना के सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल का मामला. डॉक्टरों ने सुरक्षा बढ़ाने और अतिरिक्त स्टाफ की भर्ती की मांग से संबंधित एक ज्ञापन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को सौंपा है.
चेन्नई के चेपॉक से डीएमके विधायक जे. अनबझगन का निधन उनके 62वें जन्मदिन पर हुआ. अस्पताल ने बताया कि कोविड-19 के कारण उन्हें निमोनिया हो गया था.
ओडिशा के लिए एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक जन और एक मन’ के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया जिसकी वजह से आज भारत, दुनिया में अच्छी स्थिति में है.
स्वास्थ्य विभाग ने 24 दिन बाद दी कोविड-19 पीड़ित की मौत की जानकारी. इससे पहले एक अन्य मृतक की जानकारी 16 दिन बाद मीडिया को दी गई थी. एक एनजीओ ने मामले की स्वतंत्र जांच के लिए केंद्र सरकार से समिति गठित करने की मांग की है.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित ज़िलों में मध्य प्रदेश का इंदौर भी शामिल है. मरीज़ों की मौत की जानकारी देरी से देने के कारण स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, शाजापुर में इलाज का पूरा बिल न चुका पाने कारण एक बुज़ुर्ग को कथित तौर पर बेड पर रस्सियों से बांधने का मामला सामने आया है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर का मामला. आरोप है कि आठ माह की गर्भवती पत्नी को लेकर युवक सुबह से शाम तक ग़ाज़ियाबाद से लेकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा तक के अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कहीं बेड न होने और कहीं पत्नी में कोरोना वायरस के लक्षण होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया गया.
कोरोनो वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के कारण प्रवासी मज़दूरों की ज़िंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मज़दूरों की हालात पर उन्हें समर्पित एक गीत हाल ही में यूट्यूब पर रिलीज़ किया गया है.
पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के कारण 294 लोगों ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 6,642 हो गई है. यह लगातार दूसरा दिन है, जब एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है और लगातार तीसरा दिन है जब एक दिन में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. दुनियाभर में 3.95 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि इस कठिन समय में उनकी सरकार के फ़ैसलों से गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं, लेकिन वे यह नहीं बता रहे कि जिसे ज़िंदा रहने के लिए तत्काल मदद की ज़रूरत हो, उसे मुंगेरीलाल जैसे भविष्य के हसीन सपने कैसे दिख सकते हैं?
केंद्र ने दो श्रेणियों को छोड़कर बाकी सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया गया है. केवल उन कर्मचारियों के लिए 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना अनिवार्य है, जो कोरोना संक्रमित के मरीज़ों के सीधे संपर्क में आए हों या जिनमें बीमारी के लक्षण हों.