बीते 17 अगस्त को जेएनयू की अकादमिक परिषद द्वारा तीन नए पाठ्यक्रमों को मंज़ूरी दी गई, जिसमें एक आतंकवाद रोधी पाठ्यक्रम है. जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों के एक वर्ग ने पाठ्यक्रम शुरू करने पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इसमें बताया गया है कि ‘जिहादी आतंकवाद’, ‘कट्टरपंथी-धार्मिक आतंकवाद’ का एकमात्र रूप है.