दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि कोविड-19 के हर मरीज़ के लिए घर में क्वारंटीन की जगह पांच दिन संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रहना ज़रूरी होगा. इस पर दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों में कोविड-19 जांच की अलग-अलग कीमतों पर संज्ञान लिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि कहीं 2,200 रुपये में कोरोना टेस्ट हो रहा है, तो कहीं 4,500 रुपये में, ऐसा नहीं होना चाहिए.
गृह मंत्रालय ने कहा कि विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति के सुझाव के आधार पर ये निर्णय लिया गया है. इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार के पास रिपोर्ट भेजी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि डॉक्टर और नर्स इस समय कोविड-19 से जंग में हैं, लेकिन आप एफआईआर दायर करने में व्यस्त हैं. यदि आप अपने सैनिक के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे तो युद्ध कैसे जीतेंगे. बीते दिनों एक सरकारी अस्पताल के ख़राब हाल का वीडियो बनाने पर एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में सस्ती दर पर कोरोना वायरस के इलाज कराने के संबंध में एक कमेटी बनाई है और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 मरीजों का उचित इलाज और शवों का सम्मानित ढंग से प्रबंधन करने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि विभिन्न राज्यों में कोरोना की चिंताजनक स्थिति है और लोगों के साथ जानवरों से बदतर सलूक किया जा रहा है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है.
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली में कुल 57,709 बेड हैं, जबकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि जुलाई अंत तक उन्हें 80,000 बेड की ज़रूरत पड़ेगी. कोरोना से लड़ने के लिए सिर्फ़ बेड ही पर्याप्त नहीं होंगे, इसके लिए बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों की भी ज़रूरत होगी.
दिल्ली सरकार ने आईसीएमआर के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच करने पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली में अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हो रहा है.
शाहदरा के नंद नगरी के रहने वाले 80 साल के याचिकाकर्ता की ओर से तीन जून की सुबह दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन याचिका दायर करने के कुछ ही घंटों के भीतर उनकी मौत हो गई.