दिल्ली सरकार ने आईसीएमआर के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच करने पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली में अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हो रहा है.
दिल्ली के मयूर विहार इलाके के रहने वाले व्यक्ति कोरोना जांच के लिए पांच से छह अस्पतालों में गए थे, लेकिन उनकी जांच नहीं हो सकी. मजबूरन वे बेटे के पास 800 किलोमीटर की यात्रा कर भोपाल गए थे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनका अंतिम संस्कार भोपाल में ही करना पड़ा. अब उनकी बेटी में संक्रमण पाया गया है.
यह मुंबई के राजावाड़ी अस्पताल का मामला है. पारिवारिक विवाद में एक युवक की हत्या कर दी गई थी, जिनके शव की कोरोना जांच में उसे संक्रमित पाया गया. अस्पताल को शक़ है कि ग़लती से शव किसी और को सौंप दिया गया है.
अहमदाबाद नगर निगम संचालित एसवीपी अस्पताल द्वारा अनुबंध पर रखी गईं नर्सों और अन्य कर्मचारियों के वेतन में 10 से 20 प्रतिशत की कटौती की सूचना उनकी ठेकेदार कंपनी द्वारा दी गई थी.
नोएडा में बीते दिनों नौ महीने की गर्भवती महिला के इलाज के लिए परिवार वाले 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, पर इलाज न मिलने पर एंबुलेंस में ही महिला की मौत हो गई. एक अन्य मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर मृत बच्चे को जन्म दिया था.
दिल्ली के नीरज कुमार का कहना है कि उनके कोरोना संक्रमित पिता को जनकपुरी के एक अस्पताल से लाकर एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल के सभी वार्ड चेक करने पर भी उनके पिता नहीं मिले और न ही अस्पताल प्रशासन से पूछने पर उन्हें सीधा जवाब दिया गया. इसी अस्पताल में एक कोविड मरीज़ के शव की अदला-बदली होने का मामला भी सामने आया है.
मामला राजस्थान के चूरू ज़िले का है. मुस्लिम मरीज़ों के साथ भेदभाव के संबंध में कर्मचारियों की कथित बातचीत लीक होने के बाद श्रीचंद बरडिया रोग निदान केंद्र के संचालक सुनील चौधरी ने फेसबुक पर माफी मांगी है.
तमिलनाडु में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के इलाज के लिए अधिक फीस वसूलने संबंधी मरीजों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने निजी अस्पतालों के लिए उचित शुल्क संबंधी रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार को सौंपी थी.
शाहदरा के नंद नगरी के रहने वाले 80 साल के याचिकाकर्ता की ओर से तीन जून की सुबह दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन याचिका दायर करने के कुछ ही घंटों के भीतर उनकी मौत हो गई.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी क्वारंटीन सेंटर की सुविधा एवं अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है.
बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.
आईसीएमआर की विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा है कि महामारी पर लगाम लगाने के लिए भारत के कद़म प्रभावी रहे हैं और इससे मृत्यु दर में कमी आने में मदद मिली है. हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं.
15 जून के बाद बिहार में क्वारंटीन सेंटर्स को बंद किया जाएगा. साथ ही रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी बंद की जाएगी. राज्य सरकार का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में कोरोना संक्रमण के 3,872 पॉजिटिव मामलों में से 2,743 लोग वे हैं जो तीन मई के बाद दूसरे राज्यों से लौटे हैं.
भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट्स के विशेषज्ञों द्वारा संकलित एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इस महामारी से निपटने के उपायों संबंधी निर्णय लेते समय महामारी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली.