आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया था. उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई थी. उनकी जीभ काट दी गई थी और रीढ़ की हड्डी में चोट पहुंची थी. अलीगढ़ में क़रीब 10 दिन इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल लाया गया था.
कच्छ ज़िले के एक कार्यकर्ता और वकील देवजी माहेश्वरी की बीते शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार ब्राह्मणवाद की आलोचना पर उनकी फेसबुक पोस्ट के कारण आरोपी ने उन्हें कई बार धमकाया था. मामले में नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें से पांच को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की घटना. आरोप है कि 14 सितंबर को 19 साल की दलित लड़की से सवर्ण जाति के चार युवकों ने गैंगरेप किया. उसके बाद पीड़िता की जीभ काट दी गई. पीड़िता की रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई हैं. फिलहाल वह वेंटिलेटर पर हैं.
मामला जालना ज़िले का है. परिजनों का दावा है कि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद के कारण 4 सितंबर को दो भाइयों, 22 वर्षीय राहुल बोराडे और 25 वर्षीय प्रदीप बोराडे की अनुसूचित जनजाति के पचास से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
बीते 14 अगस्त को आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अनुसूचित जाति से आने वाले प्रधान के परिजनों का आरोप है कि गांव के कथित ऊंची जाति के लोगों ने ऐसा यह संदेश देने के लिए किया कि आगे कोई दलित निर्भीकता से खड़ा न हो सके.
ढेंकानाल ज़िले के कांतियो कतेनी गांव का मामला. दलित समुदाय का आरोप है कि गांव वालों ने उनसे बात बंद कर दी है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से राशन नहीं मिल रहा और किराना दुकानों ने सामान देना बंद कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि दलित समुदाय से सिर्फ़ बात बंद करने को कहा गया है.
मामला आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बासगांव का है. घटना के बाद तरवां इंस्पेक्टर और स्थानीय चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही कर उनकी संपत्ति ज़ब्त करते हुए एनएसए लगाने का निर्देश दिया है.
मामला गांधीनगर ज़िले की मानसा तालुका के एक गांव का है. 55 वर्षीय महिला का कहना है कि आरोपी ने उनके घर में घुसकर जातिसूचक गालियां दीं और फिर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की.
मामला आगरा के काकरपुर गांव का है. नट समुदाय की एक महिला की 19 जुलाई को मौत हो गई थी. उनके दाह संस्कार के समय गांव के सवर्णों ने श्मशान भूमि को किसी और द्वारा प्रयोग न करने देने की बात कहते हुए इसे रोक दिया और महिला के परिवार को चार किलोमीटर दूर दलितों के लिए बनी जगह पर शव जलाने को कहा.
घटना कर्नाटक के विजयपुरा ज़िले की है, जहां एक दलित युवक द्वारा ऊंची कही जाने वाली जाति के एक व्यक्ति की बाइक छू लेने के बाद उसे और उसके परिवार को बेरहमी से पीटा गया है. इस संबंध में 13 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
घटना टोंक ज़िले के डांगरथल गांव की है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि दलित होने की वजह से दुकानदार ने उसके बाल काटने से इनकार किया और जातिसूचक गालियां देते हुए अपनी दुकान से निकाल दिया. इसके बाद गांव के अन्य दुकानदारों ने भी उनके बाल काटने से इनकार कर दिया. इस बारे में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने एक लेखपाल के खिलाफ एक दलित युवती का कथित रूप से अपहरण कर उसके साथ चलती जीप में बलात्कार करने का मामला दर्ज किया है.
मामला बोटाद जिले के विकालिया गांव का है. परिजनों का आरोप है कि बीते 28 मार्च को 40-50 पुलिसकर्मी उनके घर से आठ पुरुष सदस्यों को उठाकर ढासा पुलिस स्टेशन ले गए थे. बाद में उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर बुरी तरह से पीटा था.
ग्राउंड रिपोर्ट: 16 फरवरी को नागौर के दो युवकों को करनू गांव में चोरी के आरोप में बेरहमी से पीटा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत सभी बड़े नेताओं ने आरोपियों को सज़ा और पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही, लेकिन पीड़ित और उनका परिवार इसे लेकर आश्वस्त नज़र नहीं आते.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना को ‘भयावह और वीभत्स’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से कहा कि वह इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे.