मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, सितंबर 2015 से अब तक कथित रूप से हुए घृणा-आधारित अपराधों के कुल 721 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दलितों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुए अपराधों की है.
हरियाणा के फरीदाबाद की एक नाबालिग दलित लड़की का आरोप है कि अपहरण करने के बाद डेढ़ लाख रुपये में उसका सौदा कर जबरन शादी करवाई गई, जिसके बाद लगातार बलात्कार हुआ. पुलिस में मामला दर्ज होने बाद रसूखदार आरोपी मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.
हत्या के बाद से बिहार के सीवान शहर में तनाव. पुलिस ने एहतियात के तौर पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की. अपराधियों की पहचान और हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है.
दिल्ली पुलिस द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से लेकर 2018 के बीच में छह प्रतिशत अपराध बढ़ गए हैं.
साल 1995 में युवा कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा ने एक पुरुष मित्र से कथित संबंध के शक में अपनी पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या करने के बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर नई दिल्ली के एक रेस्तरां के तंदूर में उन्हें जलाने की कोशिश की थी.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि अगर आतंकवाद और अपराध ख़त्म करना है तो देश को वेदों की तरफ़ लौटना पड़ेगा.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर में पूर्व मेयर को एके 47 से मार दिया गया. नीतीश जी की नाकामियों से बिहार में एके 47 आम हथियार हो गया है.
बिहार के रोहतास ज़िले का मामला. सीतामढ़ी ज़िले में हुई एक अन्य घटना में पैसे छीनने के आरोप में युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में दलित चौकीदार की ज़मीन पर दबंगों ने साल 2005 से क़ब्ज़ा कर रखा था. पुलिस ने 13 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन ‘चाइल्ड एब्यूज़ इन इंडिया’ के मुताबिक भारत में 53.22 प्रतिशत बच्चों के साथ एक या एक से ज़्यादा तरह का यौन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न हुआ है. ऐसे में कौन कह सकता है कि मेरे घर में बच्चों का लैंगिक शोषण नहीं हुआ?
12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए दंड को सात वर्ष के न्यूनतम कारावास से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रावधान किया गया है. 16 वर्ष से कम की लड़की से बलात्कार में सज़ा 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास किया जा सकेगा.
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बच्चों और किशोरों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालतों को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा हम इस देश में यूं बर्बर नहीं हो सकते.
चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.
विकास के दावों के बीच भारत के अनुभव और ज़मीनी सच्चाई बता रही है कि समाज और सरकारें बच्चों का संरक्षण सुनिश्चित कर पाने में तो नाकाम हैं ही आगे भी इनके नाकाम रहने की आशंका है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस देश में कोई भी संस्थान सुरक्षित नहीं है, भले ही वो न्यायपालिका ही क्यों न हो. भारत की छवि अपराध और बलात्कार वाले देश की बन गई है.