बार काउंसिल ने वकीलों के संगठनों से नए आपराधिक क़ानूनों का विरोध न करने को कहा

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि उसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के ख़िलाफ़ विभिन्न बार एसोसिएशन और काउंसिल से विरोध-पत्र प्राप्त हुए हैं.

नए आपराधिक क़ानूनों पर रोक लगाकर हितधारकों से परामर्श करे केंद्र सरकार: तमिलनाडु सीएम

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि तीन नए आपराधिक क़ानून लागू करने से पहले राज्यों को उनके विचार व्यक्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और इन्हें विपक्षी दलों की भागीदारी के बिना संसद द्वारा पारित कर दिया गया.

1 जुलाई से लागू होंगे आईपीसी, सीआरपीसी, साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले नए आपराधिक क़ानून

संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पारित किए गए थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को तीनों क़ानूनों पर अपनी सहमति दे दी थी. केंद्र ने फ़िलहाल भारतीय न्याय संहिता के तहत 'हिट एंड रन' मामलों से संबंधित प्रावधान को रोक दिया है.

आपराधिक क़ानून में बदलावों पर विपक्ष ने कहा- छाप छोड़ने की नकारात्मक इच्छा से प्रेरित

आपराधिक न्याय प्रणाली के औपनिवेशिक स्वरूप को बदलने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन नए विधेयक पेश किए हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसकी प्रेरणा हर चीज़ पर अपनी छाप छोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है.

आपराधिक क़ानून में बदलाव के लिए गठित गृह मंत्रालय की समिति भंग करने मांग तेज़

वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक समूह ने विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व न होने और सार्वजनिक परामर्श के लिए बहुत कम समय दिए जाने जैसे कारणों का हवाला देते हुए मई में गृह मंत्रालय द्वारा गठित आपराधिक क़ानून में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्तर की समिति को भंग करने की मांग की है.