कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को आतंकी संगठनों से संबंध के मामले में अदालत ने पांच अप्रैल को यह कहते हुए ज़मानत दी थी कि उन्हें दोषी ठहराने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं. हालांकि 10 अप्रैल को उन्हें दोबारा गिरफ़्तार कर पीएसए के तहत जेल भेज दिया गया. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कहना है कि पत्रकारों को परेशान करने के लिए जन सुरक्षा अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को अदालत से तीन बार ज़मानत मिलने के बाद उन पर जनसुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा इसके तहत दिए गए डोज़ियर में कहा गया है कि फहद अपने पेशे का दुरुपयोग कर राष्ट्रविरोधी कंटेंट पोस्ट करते हैं. पत्रकारों और कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी गिरफ़्तारी का विरोध किया जा रहा है.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को एक महीने के भीतर तीसरी बार गिरफ़्तार करने से पहले दो बार ज़मानत मिल गई थी. फहद की बार-बार गिरफ़्तारी और यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. वैश्विक मीडिया एडवोकेसी समूहों और कार्यकर्ताओं ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.