विशेष रिपोर्ट: आरटीआई के जरिए यह सामने आया है कि साल 2016 में 615 खातों को औसतन 95 करोड़ से ज़्यादा का कृषि लोन दिया गया है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते दर और आसान नियमों के तहत किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारी भरकम लोन दिया जा रहा है.
महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा के बैंक प्रबंधक ने किसान की क़र्ज़ प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए यह मांग रखी. पुलिस ने उसे और उसके सहयोगी चपरासी को गिरफ़्तार कर लिया है.