वीडियो: हमारे खेत, किसान, बीज उद्योग और खाना पकाने का तेल खतरे में हैं. कृषि की बात की इस कड़ी में इंद्र शेखर सिंह खेत और खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की जानकारी दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के एक किसान ने अक्टूबर 2018 में फसल के दाम न मिलने के चलते आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद प्रशासन ने उनके परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की थी, जिसे पाने के लिए उनका परिवार बीते दो सालों से संघर्ष कर रहा है.
महाराष्ट्र के सहकारिता एवं पुनर्वास मंत्री सुभाष देशमुख ने विधानसभा में बताया कि साल 2015 से 2018 के दौरान जिन 12,021 किसानों ने आत्महत्या की, उनमें से 6,888 किसान सरकारी मदद पाने के योग्य थे.
जन गण मन की बात की 270वीं कड़ी में विनोद दुआ फेक न्यूज़, ट्रोलिंग और लिंचिंग की घटनाओं के लिए सोशल मीडिया को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृत्ति और केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में किए गए बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं.
साल 2017 एक तरह से किसान आंदोलनों का साल रहा. पूरे बरस भर देश के किसी न किसी हिस्से में किसान आंदोलन करते रहे.
विशेषज्ञों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में संकट बढ़ रहा है. उपज का दाम समर्थन मूल्य से नीचे आता है, तो किसानों को मुश्किल होगी. पिछले दो साल में किसानों की आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
20 नवंबर को कृषि उत्पादों के लाभकारी मूल्य, ऋण माफी और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली में होगी किसान मुक्ति संसद.
मोदी जी ने मनमोहन सिंह के लिए कहा था, 'जिस देश के किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं वहां के सत्ताधारी लोगों को नींद कैसे आ सकती है?' अब पता नहीं उन्हें नींद कैसे आती होगी.