पूर्व अर्धसैनिक बल कल्याण संघों के परिसंघ के राष्ट्रीय समन्वयक ने कहा कि हमले को चार साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन मोदी सरकार इसमें हुई चूक जवाबदेही तय करने में विफल रही है, चुनाव जीतना ही उनकी एकमात्र प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को वे दिल्ली में विरोध मार्च करेंगे.
माओवादियों और आतंकवादियों को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति का खुलासा तब हुआ, जब 10 अप्रैल 2010 को रामपुर में यूपी एसटीएफ द्वारा सीआरपीएफ के दो कॉन्स्टेबलों को कई कारतूसों के साथ गिरफ़्तार किया था. उस साल 6 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक घातक माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की मौत हो गई थी.