प्रोफेसर तुलसीराम: अपने समय के कबीर

प्रोफेसर तुलसीराम जाति व्यवस्था को परमाणु बम से भी ज़्यादा घातक मानते और कहते थे कि आप किसी शहर पर परमाणु बम गिरा दें तो वह उसकी एक-दो पीढ़ियों को ही नष्ट कर पाएगा. पर हमारे समाज पर थोपी गई जाति व्यवस्था पीढ़ी दर पीढ़ी संभावनाओं का संहार करती आ रही है.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को याद करने वाले किस आधार पर ‘देशद्रोही’ सिद्ध किए जा रहे हैं?

जो लोग भीमा-कोरेगांव युद्ध की याद में आयोजित समारोह के आयोजकों को राष्ट्रद्रोही सिद्ध कर रहे हैं वो यह क्यों छुपा ले जाते हैं कि न जाने कितनी बार मराठों ने भी अंग्रेज़ों के साथ मिलकर अन्य राज्यों के ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी हैं.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को सिर्फ़ जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए

जब आंबेडकर ने भीमा कोरेगांव युद्ध को पेशवाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महारों के संघर्ष के रूप में पेश किया, तब वे असल में एक मिथक रच रहे थे.