सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष केंद्र सरकार ने बताया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग अधिनियम के तहत अब तक 616 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से अब तक केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है.
मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले का है. पिलखुवा थाना क्षेत्र के टैक्सटाइल सिटी में स्थित जीएस दास कैमिकल फैक्ट्री में शुक्रवार दोपहर सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए एक कर्मचारी उतरा था, जबकि बाकी चार उसे बचाने के लिए टैंक में उतरे थे.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा कि सरकार को यह बताने की ज़रूरत है कि उसने मैला ढोने की प्रथा को ख़त्म करने के लिए क्या किया है, क्योंकि सिर्फ क़ानून बनाना काफ़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय राजधानी तक में ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं तो देश के बाकी हिस्सों की स्थित की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.