दिल्ली के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आपराधिक न्याय कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने छत्तीसगढ़, दिल्ली, कर्नाटक, केरल और मध्य प्रदेश में मौत की सजा पाए 88 कै़दियों और उनके परिवारों पर अध्ययन किया. रिपोर्ट में कहा गया कि मृत्युदंड पाए जिन कै़दियों का साक्षात्कार किया गया उनमें से बहुत बड़ी संख्या में कै़दी मानसिक रोग से पीड़ित थे और 11 प्रतिशत बौद्धिक अक्षमता के शिकार थे.