कानून के छात्रों द्वारा इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र के बाद मामले की सुनवाई के लिए दो जजों की पीठ गठित की गई थी.
यह न्याय के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में था तो कैसे पेड़ काटे गए? नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला था तो पेड़ कैसे काटे गए? क्या अब से फांसी की सज़ा हाईकोर्ट के बाद ही दे दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में अपील का कोई मतलब नहीं रहेगा? वहां चल रही सुनवाई का इंतज़ार नहीं होगा?
मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने की सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के समक्ष लंबित है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.
देश में कुल वन क्षेत्र लगभग 7.08 लाख वर्ग किमी है. यह देश के कुल क्षेत्रफल का 21.54 प्रतिशत है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में बताया गया है कि अनधिकृत क़ब्ज़े के दायरे में सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले राज्य मध्य प्रदेश, असम और ओडिशा हैं.
मुंबई मेट्रो परियोजना के तहत कार शेड बनाने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम ट्री अथॉरिटी ने आरे कॉलोनी में 2600 से ज़्यादा पेड़ों को काटने का आदेश दिया है. पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन के इस क़दम का विरोध कर रहे हैं.
मुंबई में मेट्रो 3 कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित कार शेड के निर्माण के लिए दी गई बीएमसी की मंजूरी के खिलाफ नागरिक अगले 15 दिनों तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और तब तक आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने की कोई कार्रवाई नहीं होगी.
मुंबई में मेट्रो परियोजना के लिए आरे कॉलोनी में प्रस्तावित कार शेड के लिए 2,700 से अधिक पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई है. पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश समेत शिवसेना के आदित्य ठाकरे ने भी इसका विरोध किया है.
लोकसभा में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बीते दिनों बताया था कि साल 2014 से 2019 के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने विकास कार्यों के लिए 1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दी. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार पेड़ कटवा कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.