छठ में कोई पंडित, पुरोहित नहीं होता, यह भाजपा के सांसद महोदय को किसी ने नहीं बताया. छठ बिना नदी या घाट के नहीं हो सकता, यह भी सांस्कृतिक मूर्ख ही बोल सकते हैं. असल बात है मन का पवित्र होना. मन में द्वेष, घृणा और दूसरे को नीचा दिखाने की सोच के साथ छठ की बात सोचना भी पाप है.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यमुना के किनारे सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह के आयोजनों पर रोक लगा दी थी. हालांकि, भाजपा द्वारा प्रतिबंध के विरोध के बाद प्राधिकरण ने यमुना के किनारे को छोड़कर ‘निर्धारित स्थलों’ पर समारोह मनाने की अनुमति दी थी. हालांकि इसका स्पष्ट उल्लंघन देखा गया.
कोविड-19 के चलते दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा यमुना घाटों पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सोमवार को इस रोक के बावजूद भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा आईटीओ के पास एक घाट पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पूर्वांचली समाज के लोगों के साथ पहुंचे और वहां पूजा की.
शिरोमणि अकाली दल नेता एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के निवर्तमान प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने चाणक्यपुरी एसडीएम के गुरुद्वारा बंगला साहिब बंद करने के आदेश पर नाराज़गी जताई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ज़िले के अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है. आदेश में गुरुद्वारे को तत्काल प्रभाव से आगंतुकों के लिए बंद करने को कहा गया है.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बैठक में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि अनलॉक करने की गतिविधियों से कोविड मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है. वहीं, आईसीएमआर के डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज़ किए जाने चाहिए.
कोरोना महामारी के बीच नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी, जिसने मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया.
दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगमों के पास लगभग 3,127 अस्पताल बिस्तर हैं, लेकिन कोरोना रोगियों के लिए एक भी बिस्तर उपलब्ध नहीं कराया गया है. भाजपा ने दावा किया दिल्ली सरकार नगर निकायों को ज़रूरी अनुमति नहीं दे रही है. इस बीच दिल्ली में 19 अप्रैल की रात से 26 अप्रैल की सुबह तक पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि कोविड-19 के हर मरीज़ के लिए घर में क्वारंटीन की जगह पांच दिन संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रहना ज़रूरी होगा. इस पर दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा.