दिल्ली के रोहिणी में मानसिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए बने सरकारी आश्रय गृह 'आशा किरण' में एक जुलाई से 31 जुलाई के बीच चौदह लोगों के मरने की ख़बर सामने आई है. सभी मृतकों में दस्त-उल्टी के समान लक्षण थे. इसे लेकर उठे राजनीतिक विवाद के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.
एमसीडी ने अपनी रिपोर्ट में खुद को पाक़-साफ दिखाते हुए कोचिंग हादसे के लिए जल निकासी में बाधा सहित कई अन्य कारकों ज़िम्मेदार कहा है. हालांकि, हाईकोर्ट ने घटना को सिस्टम की विफलता बताया और कहा आरोप-प्रत्यारोप से इतर किसी एक की ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए.