दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाख़िल कर दावा किया गया था कि लॉकडाउन के कारण दिल्ली में आश्रय गृहों में रहने वाले लोगों को एक दिन में तीन वक़्त का गुणवत्ता वाला भोजन नहीं दिया रहा. साथ ही उन्हें साबुन, सैनेटाइज़र तथा अन्य ज़रूरी वस्तुएं भी नहीं दी जातीं.
दिल्ली पुलिस के 10 एसएचओ द्वारा मध्य दिल्ली में प्रवासियों के लिए बनाए गए आश्रय गृहों का दौरा कर तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते लोग यहां रहना नहीं चाहते हैं.