केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक आदेश जारी कर कहा था कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों, कामगारों और प्रवासी मजदूरों से किराया न मांगें.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार लॉकडाउन के नियमों को लेकर सुस्त पड़ जाती है जबकि आईसीयू की संख्या पर्याप्त नहीं हैं और अस्पताल बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर कम पड़ जाते हैं और मृतकों की संख्या बढ़ जाती है तो सरकार खुद को माफ नहीं कर पाएगी.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृत चिकित्सक के आवास से एक लिखित पर्ची मिली है जिसमें कहा गया है कि देवली से आप विधायक प्रकाश जरवाल उसकी मौत के जिम्मेदार हैं. प्रकाश जरवाल ने कहा कि वे निर्दोष हैं और उस शख्स से पिछले 8 से 10 महीनों से नहीं मिले हैं.
बिहार निवासी मृतक पिछले 8-10 सालों से गुड़गांव में रहकर पेंटर का काम करता था. गुरुवार को ढाई हजार रुपये में अपना मोबाइल बेचकर घर का राशन और बच्चों के लिए पंखा लाया था. इसके बाद आत्महत्या कर ली.
सीबीएसई ने भी स्कूल फीस भुगतान तथा शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ विचार करने की सलाह दी है. इसके साथ ही दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी निजी स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों से यातायात शुल्क, सालाना शुल्क या कोई भी अन्य शुल्क वसूला नहीं जा सकता है. शुल्क जमा हो या ना हो, किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जा सकता है.
राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले तीन लोगों के परिवार ने संक्रमित होने के बाद इसका आरोप सुरक्षा गार्ड पर लगाया था. परिवार के 80 वर्षीय बुज़ुर्ग की मौत हो चुकी है, जबकि उनके बेटे वेंटिलेटर पर हैं. उनकी पत्नी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.
मौलाना साद कांधलवी के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का भी मुक़दमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया था कि तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से कुछ की कोरोना वायरस से मौत हो जाने के बाद ये कदम उठाया गया है.
प्लाज़्मा तकनीक में कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति के ख़ून की एंडीबॉडी का इस्तेमाल कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित मरीज़ों के इलाज के लिए किया जाता है.
यह समय सरकारों के लिए असाधारण काम करने का है, नागरिकों पर ही ज़िम्मेदारी डाल देने और नियोजकों की सदाशयता के भरोसे रहने का नहीं.
पुलिस के अनुसार कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी को काबू करने के लिए सामाजिक दूरी संबंधी केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद भी मौलाना साद ने पिछले महीने निज़ामुद्दीन मरकज़ में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम निगरानी करेंगे और 20 अप्रैल तक जिन जिलों में सुधार देखा जाएगा वहां कुछ राहत दी जाएगी. हालांकि, अगर बाद में स्थिति और बिगड़ती है तो छूटों को रद्द कर दिया जाएगा.
बीते 11 अप्रैल को दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास स्थित तीन आश्रय गृहों में आग लगा दी गई थी. पुलिस ने गिरफ़्तार आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल और एम्स के बाहर देश के कोने-कोने से आए ऐसे सैकड़ों लोग असहाय स्थिति में फंसे हुए हैं और कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कम होने का इंतजार कर रहे हैं. ये कैंसर, किडनी तथा हृदय संबंधी रोगों एवं ऐसी अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आए थे.
इस देश का दुर्भाग्य है कि इतने बड़े संकट में घिरे होने के बाद भी हम भारतीय अपनी कट्टरता, अंधविश्वास और पूर्वाग्रह से बाहर न निकलकर एक वैश्विक महामारी को भी हिंदू-मुसलमान का मुद्दा बनाए दे रहे हैं.