एक हज़ार से अधिक नारीवादियों, लोकतांत्रिक समूहों, शिक्षाविदों, वकीलों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने कैंपस में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को निशाना बनाने की घटना की निंदा करते हुए इसे मुस्लिम युवतियों के साथ भेदभाव का नवीनतम बहाना क़रार दिया.