सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष केंद्र सरकार ने बताया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग अधिनियम के तहत अब तक 616 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से अब तक केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है.
अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिक से पूर्व की छात्रवृत्ति के लिए 2016-17 के बजट अनुमान में 550 करोड़ रुपये का प्रावधान था पर इस वर्ष 2017-18 में इसका बजट अनुमान मात्र 50 करोड़ रुपये रखा गया है.