सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी त्रिपुरा सरकार द्वारा 12 नवंबर, 2021 को पारित एहतियातन हिरासत के आदेश को रद्द करते हुए की. कोर्ट ने कहा कि एहतियातन हिरासत के उद्देश्य के परिप्रेक्ष्य में हिरासत लेने वाले अधिकारियों के साथ-साथ इसकी तामील करने वाले अधिकारियों का सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है.