बीते 30 अक्टूबर को मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटने से 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पहले ही घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और कई आदेश पारित किए हैं.
मोरबी पुल हादसे पर स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की गई याचिका की सुनवाई में मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी नगर पालिका से पूछा था कि पुल के संचालन और रखरखाव का ठेका बिना निविदा निकाले क्यों दिया गया था.
बीते 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटने से क़रीब 141 लोगों की मौत हो गई थी. पुल के रखरखाव व संचालन का ठेका ओरेवा समूह के पास था. जांच बताती है कि कंपनी ने यह ठेका एक अन्य फर्म को दिया था, जिसे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम की तकनीकी जानकारी नहीं थी.