बीते 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल होने वाले 26 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर मोहम्मद अबरार की रविवार रात मौत हो गई. इससे पहले फिरोजाबाद में छह लोगों की मौत हुई थी.
बीएचयू के 51 प्रोफेसरों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर विरोध जताया. शिक्षकों ने कहा है कि यह सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटने की साफ कोशिश है. फिल्मी हस्तियों ने हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की. एक पत्र जारी कर कहा गया है कि वे कथित पुलिस गोलीबारी और अत्यधिक बल प्रयोग से उत्तर प्रदेश में हुई मौतों को लेकर बेहद चिंतित हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात का समय न मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ राज्य सरकार की ‘प्रतिशोध की भावना’ से की गई कार्रवाई निंदनीय है.
इससे पहले विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में देश भर में 25 लोगों की मौत हो चुकी थी. इसमें से कम से कम 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान यूपी पुलिस द्वारा मानवाधिकार हनन की कई घटनाएं हुई हैं. युवकों की मौतों की कई खबरें आईं, जो मुख्य रूप से पुलिस कार्रवाई के दौरान लगी गोलियों के चलते हुईं और पुलिस ख़ुद सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर रही है.
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान घायल मोहम्मद शफ़ीक़ नई दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि बीते 20 दिसंबर को काम से घर लौटने के दौरान पुलिस ने उनके सिर में गोली मार दी थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान घायल मोहम्मद शफ़ीक़ नई दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि बीते 20 दिसंबर को काम से घर लौटने के दौरान पुलिस ने उनके सिर में गोली मार दी थी. विशाल जायसवाल की परिजनों से बातचीत.