निजीकरण को लेकर सरकार को परेशान करने वाला सबसे मुश्किल सवाल यह है कि सरकारी संपत्तियों को किस क़ीमत पर बेचा जाना चाहिए.
वीडियो: सरकार एक तरफ घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद कर रही है या निजी कंपनियों के हाथों बेचकर पैसा जुटाने में लगी है, तो दूसरी ओर सरकारी प्रोजेक्ट को निजी कंपनियों के साथ साझा कर रही है या किराये पर देकर आमदनी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ‘नेशनल एसेट मोनेटाइजेशन’ योजना के बारे में विस्तार से बता रहे हैं मुकुल सिंह चौहान.
राज्यसभा में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर कुल 14,184.70 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में हिस्सेदारी घटाकर 8,073.29 करोड़ रुपये और भारत डायनामिक्स लिमिटेड में हिस्सेदारी की बिक्री से 2,371.19 करोड़ रुपये जुटाए गए.
बीते 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिसका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या वे बेकार पड़ी हुई हैं, ऐसी 100 परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण कर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि उपक्रमों और कंपनियों को समर्थन देना सरकार का कर्तव्य है. लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि सरकार इनका स्वामित्व अपने पास रखे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिसका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या वे बेकार पड़ी हुई हैं, ऐसी 100 परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण कर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उपक्रमों और कंपनियों को समर्थन देना सरकार का कर्तव्य है. लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि सरकार इनका स्वामित्व अपने पास रखे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में शिपिंग कॉरपोरेशन और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी थी. शिपिंग कॉरपोरेशन में सरकार की 63.75 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, मौजूदा समय में जिसकी कीमत तक़रीबन 2500 करोड़ रुपये है.
सरकार उम्मीद कर रही है कि भौतिक ओर सामाजिक- दोनों की तरह के बुनियादी ढांचे पर उसके द्वारा किया जाने वाला बड़ा खर्च नई आय पैदा करेगा, जिससे ख़र्च भी बढ़ेगा. पूंजीगत ख़र्चे में इस बढ़ोतरी का लाभ 4-5 साल में दिखेगा, बशर्ते इसका अमल सही हो.
राजस्थान की एक विशेष अदालत ने उदयपुर के होटल की बिक्री मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और तत्कालीन विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने अपने अगले आदेश तक अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए मामले के रिकॉर्ड मांगे हैं.
आरोप है कि दो दशक पहले उदयपुर में लक्ष्मी विलास पैलेस होटल को 7.52 करोड़ रुपये में एक निजी कंपनी को बेचा गया था. सीबीआई जांच में पता चला कि इसकी कीमत 252 करोड़ रुपये थी, यानी बिक्री से 244 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सीबीआई अदालत ने होटल की बिक्री से जुड़े तीन अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज करने का आदेश दिया है.
देश की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार की 89.97 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. 15 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचकर सरकार की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाने की योजना है. उत्पादन के लिहाज़ से यह रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी है.
बीते नौ अगस्त को ट्रेड यूनियनों ने श्रम नीति, विनिवेश और निजीकरण के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 नियमों को उल्लंघन करने के आरोप में कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसको पूरा करने के लिए देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का निजीकरण आवश्यक है.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में सरकार की 75 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से पांच फीसदी बेचने की योजना है. इससे सरकार को 1,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. इससे पहले दिसंबर 2014 में भी केंद्र सरकार ने पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते नवंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री को मंज़ूरी दी थी. कंपनी के निजीकरण के लिए बोली लगाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जा सकती है.
बताया जा रहा है कि सरकार क़र्ज़ के बोझ से दबी सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारी कर रही है, जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.