बीते 11 सितंबर को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन पर्यवेक्षकों के 918 सहायकों को तत्काल हटाने का आदेश दिया, जो काम के लायक नहीं माने जाने के बावजूद समाज कल्याण विभाग की एकीकृत बाल विकास योजना के विभिन्न क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ जुड़े हुए हैं. प्रदर्शन के दौरान सरकार से उनके तीन महीने के लंबित वेतन को जारी करने के अलावा उन्हें बहाल करने की मांग की गई.
याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ बर्ख़ास्तगी का आदेश इस आधार पर पारित किया गया था कि शादीशुदा होने के बावजूद वह एक अन्य महिला के साथ लिव-इन में रह रहे हैं. कहा गया था कि यह आचरण उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियम, 1956 के प्रावधानों और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के भी ख़िलाफ़ है.