नाबार्ड द्वारा एक आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार नोटबंदी के दौरान 10 जिला सहकारी बैंकों में सबसे ज़्यादा नोट बदले गए, उनके अध्यक्ष भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के नेता हैं.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बैंक के निदेशक हैं. एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ था कि नोटबंदी के फैसले के बाद पांच दिन के भीतर बैंक से करीब 750 करोड़ रुपये बदलवाए गए थे.
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद महज पांच दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में असामान्य ढंग से जमा हुई बड़ी राशियों की जांच न कराना अजीब है, जबकि ऐसा करने के लिए नया बेनामी लेन-देन कानून भी है, जिसे बनाया ही इसी मकसद से गया है.
बैंक में गड़बड़ी न होने की नाबार्ड की सफ़ाई से साफ़ है कि इस संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे समय जब सरकारी संस्थाएं और मीडिया चुप हों तो जनता को आगे आना चाहिए.
मुंबई के मनोरंजन ए रॉय ने आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने से लेकर 14 नवंबर तक अहमदाबाद ज़िला सहकारिता बैंक में 745 करोड़ और राजकोट के ज़िला सहकारिता बैंक में 693 करोड़ जमा हुए.
एक आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद 5 दिन के अंदर अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक में तकरीबन 750 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा हुई, जो किसी सहकारी बैंक में जमा हुई सर्वाधिक राशि है.