असम के 8 ज़िलों और एक उप-मंडल में आफ़स्पा छह महीने के लिए बढ़ाया गया

असम सरकार ने बराक घाटी में कछार के लखीपुर उप-मंडल के अलावा तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए आफ़स्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है.

मणिपुर को ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा देना अब ज़रूरी नहीं: राज्य मानवाधिकार आयोग

राज्य से आफ़स्पा हटाने को लेकर दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने कहा कि यह क़ानून सशस्त्र बलों को क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर गोली मारने तक का अधिकार देता है. यह संविधान के तहत मिले जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.

मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने राज्य से ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा वापस लेने के लिए कहा

मणिपुर मानवाधिकार आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने आफ्स्पा की आड़ में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा वापस लेने की सिफ़ारिश की है. ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा दिए जाने से आफ्स्पा लागू करने की अनुमति मिलती है, जो कथित तौर पर सैन्य बलों को विशेष सुरक्षा देता है.

गुजरातः सूरत के आठ इलाकों में अशांत इलाका अधिनियम की अवधि पांच साल और बढ़ाई गई

गुजरात के सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाज़ार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, रांदेर और लिंबायत पुलिस थाना इलाकों में इस अवधि को बढ़ाया गया है. इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के ज़रिये संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.