सुप्रीम कोर्ट में यह टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट के उस निर्णय के विरुद्ध दायर अपील पर की, जिसमें उसने राजकोट में एक भूखंड के ख़रीदारों से धन ऐंठने के आरोप में कई लोगों के ख़िलाफ़ दायर प्राथमिकी रद्द कर दी थी. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने ऐसा करते हुए अपनी शक्तियों की ‘सीमाओं का उल्लंघन’ किया.