कोविड-19 संकट के मद्देनज़र कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास कोई समाधान नहीं होना चिंता की बात है, लेकिन उनके मन में ग़रीबों और कमज़ोर वर्गों के प्रति करुणा न होना हृदयविदारक है.
द्रमुक के प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि यह कितनी अभद्र राजनीति है, इसकी तुलना नहीं की जा सकती. भाजपा ने राजनीतिक नियमों को रौंद दिया है, राज्यपाल को कठपुतली बना दिया, सत्ता में आने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय का भी इस्तेमाल किया. क्या यह छलकपट नहीं है?
कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला को जनसुरक्षा क़ानून के तहत हिरासत में रखे जाने का विरोध करते हुए लोकसभा अध्यक्ष से उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश देने का अनुरोध किया.