जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत गिरफ़्तारी, संपत्ति की कुर्की और ज़ब्ती से संबंधित ईडी की शक्तियों को बरक़रार रखा था. इसकी समीक्षा के लिए दायर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की याचिका की सुनवाई में सीजेआई एनवी रमना की पीठ ने माना कि दो मुद्दों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाने वाली 200 से अधिक याचिकाओं को सुनते हुए गिरफ़्तारी, कुर्की और ज़ब्ती से संबंधित ईडी के अधिकारों को बरक़रार रखते हुए कहा कि इस क़ानून की धारा-5 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त लोगों की संपति कुर्क करना संवैधानिक रूप से वैध है.