नोटबंदी आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला, जी​डीपी को 2.25 लाख करोड़ का नुकसान: विपक्ष

जीडीपी ​तीन साल के सबसे निचले स्तर पर, निर्माण क्षेत्र ​की वृद्धि दर 10.7 से 1.2 पर पहुंची, सरकार पर विपक्ष हमलावर.

एनपीए एकमात्र ऐसा घोटाला है जिसका कोई खलनायक नहीं है

10 बड़े बिजनेस समूहों पर 5 लाख करोड़ का कर्ज़ बक़ाया है. इन पांच लाख करोड़ के लोन डिफॉल्टर वालों के यहां मंत्री से लेकर मीडिया तक सब हाजिरी लगाते हैं.

जीएसटी: ‘नई आज़ादी’ के आधी रात के जश्न में गुम न हो जाएं ये सवाल

जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.

कर चोरों को छोड़कर किसी को भी जीएसटी से डरने की ज़रूरत नहीं: वेंकैया नायडू

नायडू ने कहा कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम देश की अर्थव्यवस्था के लिये अच्छे होंगे लेकिन अल्पावधि में देश की अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति, जीडीपी पर इसका नकारात्मक असर होगा.

जन गण मन की बात, एपिसोड 67: गांधी और नोटबंदी

जन गण मन की बात की 67वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गांधी को चतुर बनिया बताए जाने और नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर पड़े दुष्प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं.

मोदी सरकार ने विज्ञापन पर ख़र्च किए 1500 से 2000 करोड़: कांग्रेस

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का आरोप, सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को बंद करने का प्रयास कर रही है केंद्र सरकार. अर्थव्यवस्था पर की श्वेत पत्र लाने की मांग.

नोटबंदी के बाद जीडीपी वृद्धि दर निचले स्तर पर, स्पेन में मोदी ने कहा- निवेश के लिए भारत मज़बूत

वित्तमंत्री अरुण जेटली बोले, विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए नोटबंदी नहीं, पूरे विश्व में जारी आर्थिक मंदी और यूपीए सरकार ज़िम्मेदार है.

आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के तीन साल में अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन नहीं आए

मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.

किसानों की क़र्ज़ माफ़ी की ज़िम्मेदारी से भाग नहीं सकती मोदी सरकार

उत्तर प्रदेश ही नहीं, दूसरे राज्य भी बैंकों को फ़सली क़र्ज़ माफ़ करने के लिए बॉन्ड (ऋण-पत्र) जारी कर सकते हैं. मगर ये बात सबको मालूम है कि इससे मामला हल नहीं होगा. केंद्र को इन बॉन्डों की गारंटी लेनी ही होगी.

1 22 23 24