विभिन्न अधिकार समूहों का कहना है कि बजट में विशेष रूप से सक्षम समुदाय के लिए कुछ अलग नहीं है. वहीं, कई वरिष्ठ नागरिक असुरक्षित हैं और उन तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयासों की ज़रूरत है. बाल अधिकार संरक्षण से जुड़ी प्रमुख संस्था ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ ने कहा है कि लगता है कि बच्चे बजट की प्राथमिकता में छूट गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को हैदराबाद स्थित ‘बायोलॉजिकल इवांस’ द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी ‘कोर्बेवैक्स’ टीके की खुराक दी जाएगी. साथ ही 60 से अधिक आयु के सभी लोग अब एहतियाती खुराक ले पाएंगे.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि 60 से अधिक उम्र की 2.75 करोड़ आबादी को कोविड टीके की एहतियाती डोज़ लगनी है, जिसे लेने से पहले वे अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नए टीकाकरण अभियान के तहत 15-18 आयुवर्ग के लाभार्थियों को सिर्फ कोवैक्सीन दी जाएगी.
असहाय बुज़ुर्गों के लिए काम करने वाले ग़ैर लाभकारी संगठन हेल्पएज इंडिया के अनुसार, देश में क़रीब 1500 वृद्धाश्रम हैं, जिनमें क़रीब 70,000 वृद्ध रहते हैं. छोटे और मझोले वृद्धाश्रम परोपकारी नागरिकों और कारोबारी समुदायों से मिलने वाले चंदे पर निर्भर रहते हैं. लॉकडाउन चलते उन्हें चंदा मिलना बंद हो गया है.