आय से ज्यादा कैसे ख़र्च कर रही है भाजपा?

भाजपा का इमारतों के निर्माण और चुनाव प्रचार का ख़र्च 74,053 करोड़ रुपये से 107,803 करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकता है. यह 2014-15 से 2022-23 के बीच पार्टी की घोषित आय 14,663 करोड़ रुपये से पांच से सात गुना अधिक है.

हिमाचल में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के अभियान में कांग्रेस से क़रीब दोगुना ख़र्च किया था: रिपोर्ट

राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई चुनाव व्यय की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव अभियान पर भाजपा ने 49.68 करोड़ रुपये ख़र्च किए, वहीं कांग्रेस का कुल व्यय 27.01 करोड़ रुपये का रहा.

भाजपा ने इस साल पांच राज्यों के चुनावों में 344 करोड़ रुपये ख़र्च किए, 2017 से 58 फ़ीसदी अधिक

निर्वाचन आयोग को दी चुनावी ख़र्च की जानकारी में भाजपा ने बताया है कि उसने इस साल हुए पांच राज्यों के चुनावों में 344.27 करोड़ रुपये ख़र्च किए, जबकि पांच साल पहले इन्हीं राज्यों में पार्टी ने 218.26 करोड़ रुपये व्यय किया था. हालांकि, कांग्रेस ने भी 2017 की तुलना में इस बार इन राज्यों में 80 फीसदी अधिक 194.80 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च की.

चुनाव आयोग ने चुनावों में उम्मीदवारों की ख़र्च सीमा तय करने के लिए राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे

चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की व्यय सीमा में संशोधन के लिए अक्टूबर में गठित एक समिति को मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और ख़र्च मुद्रास्फीति सूचकांक बढ़ने के मद्देनज़र लोकसभा और विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों के लिए ख़र्च की सीमा में संशोधन के विषय पर गौर करने का ज़िम्मा सौंपा है.

चुनाव में धन का दुरुपयोग निर्वाचन व्यवस्था की मुख्य चिंता है: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि चुनाव में पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयोग राज्य से वित्तीय सहायता (स्टेट फंडिंग) से चुनाव लड़ने जैसे उपयों पर विचार कर रहा है.

भाजपा के अलावा सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव में ख़र्च सीमित करने पर सहमति जताई

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि आयोग ने ईवीएम की गड़बड़ी मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है और आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव: सर्वे

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ के सर्वे के मुताबिक राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा इस विधानसभा चुनाव में क़रीब 11 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च किये गए हैं, जो पिछले चुनावी ख़र्च का दोगुना है.