तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन और कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एल. नारायण स्वामी को ये फर्ज़ी कॉल प्राप्त हुए थे. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और एफआईआर दर्ज की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद जजों की नियुक्तियों को लेकर एक सीमा तय होनी चाहिए.
12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस राजेंद्र मेनन की पदोन्नति करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 10 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना को पदोन्नत किया.