इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अगले कुछ सालों में ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कटौती को लेकर कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया तो 2030 के बाद जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए उठाया गया कोई भी क़दम वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा. ग्रीनहाउस गैस वातावरण में गर्मी को बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं.