अंग्रेज़ी के कवि पीबी शैली की एक कविता में उनका नायक मरने के बाद जब नर्क पहुंचता है तो पाता है कि नर्क तो बिल्कुल लंदन जैसा है. जो कुछ भी लंदन में मिल सकता है वह सब वहां है. उसकी पहचान, उसकी बेतहाशा आबादी और धुआं... राजधानी है इसलिए वहां राजा है, न्यायालय है और जैसा कि राजधानियों में होता है ख़याली पुलाव के रूप में क्रांति की बातें हैं. एक सदी पहले लिखी गई इस कविता का यह
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.