आरोप है कि बिना प्रत्याशी के संज्ञान में लाए कथित तौर पर ईवीएम कहीं ले जाई जा रही थीं. सपा का कहना है कि यह सब भाजपा के इशारे पर चुनाव में धांधली करने के इरादे से किया जा रहा था. वहीं, निर्वाचन आयोग का कहना है कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही थीं, जिन्हें कुछ राजनीतिक लोगों ने रोककर चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफ़वाह फैलाई.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर, चंदौली, डुमरियागंज, मऊ के साथ बिहार के सारण और महाराजगंज में ईवीएम की संदिग्ध आवाजाही का आरोप लगाया गया है. चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है.
भरतपुर ज़िले के डीग-कुम्हेर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेंद्र सिंह ने ईवीएम से छेड़छाड़ और उसकी सुरक्षा को लेकर ढिलाही बरते जाने का आरोप लगाया था. शनिवार रात कांग्रेसियों और पुलिस ईवीएम को लेकर हुआ था विवाद. विश्वेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ केस दर्ज.
राजस्थान के बारां ज़िले की किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना. पुलिस ने ईवीएम को क़ब्ज़े में लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में रखवाया.