उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर, चंदौली, डुमरियागंज, मऊ के साथ बिहार के सारण और महाराजगंज में ईवीएम की संदिग्ध आवाजाही का आरोप लगाया गया है. चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है.
भरतपुर ज़िले के डीग-कुम्हेर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेंद्र सिंह ने ईवीएम से छेड़छाड़ और उसकी सुरक्षा को लेकर ढिलाही बरते जाने का आरोप लगाया था. शनिवार रात कांग्रेसियों और पुलिस ईवीएम को लेकर हुआ था विवाद. विश्वेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ केस दर्ज.
राजस्थान के बारां ज़िले की किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना. पुलिस ने ईवीएम को क़ब्ज़े में लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में रखवाया.
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले में हुई एक अन्य घटना में ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कथित तौर पर लैपटॉप के साथ मिला बीएसएफ जवान ड्यूटी से हटाया गया. कांग्रेस ने ईवीएम स्टॉन्ग रूम की सुरक्षा बढ़ाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल की.
पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है. चार अन्य की तलाश की जा रही है. इस बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे ईवीएम सुरक्षित.
चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बिजली जाने की वजह से करीब एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद थे और इस बीच रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई थी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई गड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.