बीते महीने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने नए नियमों में कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये के जुर्माने, कैंपस से निष्कासन की बात कही थी. 23 दिसंबर को इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में मशाल मार्च निकाला.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, भूख-हड़ताल करने या किसी अन्य प्रकार के विरोध पर रोक लगाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इसके अलावा फ्रेशर्स की स्वागत पार्टियों, विदाई या डीजे कार्यक्रम जैसे आयोजन करने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है.
पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में फिल्म डिप्लोमा पाठ्यक्रम में न्यूनतम उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाने के चलते एक छात्र को संस्थान द्वारा फेल कर दिया गया था. साथ ही राजस्थान के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले छात्र का कहना है कि इलाज का मेडिकल दस्तावेज़ देने के बाद भी उन्हें निष्कसित कर दिया गया.