कैग ने इस बात को लेकर चेताया है कि अगर बिना सत्यापन के कृषि आय के तहत टैक्स छूट दी जाती रहेगी तो इसकी आड़ में बेहिसाब काला धन आने की आशंका है.
2015-16 से तीन साल तक 10.4 प्रतिशत की दर से प्रगति करने पर ही हम कृषि क्षेत्र में दोगुनी आमदनी के लक्ष्य को पा सकते थे. इस वक़्त यह 2.9 प्रतिशत है. मतलब साफ है लक्ष्य तो छोड़िए, लक्षण भी नज़र नहीं आ रहे हैं. अब भी अगर इसे हासिल करना होगा तो बाकी के चार साल में 15 प्रतिशत की विकास दर हासिल करनी होगी जो कि मौजूदा लक्षण के हिसाब से असंभव है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा जारी ये आंकड़े आधार वर्ष 2011-2012 पर आधारित हैं.
केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार पिछले तीन सालों में हर मोर्चे पर बुरी तरह से असफल नज़र आई है.
आंकड़े मोदी सरकार की नाकामी बयान कर रहे हैं. जनता के पास ‘विकास पुरुष’ के प्रति आस्था के अलावा और कुछ नहीं है.